सालो तक टुकड़े -टुकड़े मैं टूटता रहा ....और अब पलों में मुझे मिट्टी में,,, मिलाने लगे हैं लोग !!!
- Anju
हम उस पल के सहारे कटते रहे उम्र अपनी ,
जिसमे , जाते वक्त किसी ने , मेरा नाम लेकर हमसे कह दिया ,
"झूठा सही...मगर मेरा, इंतज़ार करना..... मेरे जाने के बाद !"
करती है बेपनाह महोब्बत , इस कदर मुझसे बे-गैरत ,
जो जिंदगी है मेरी ,दो-चार कदम बढती हूँ जो आगे ,
दो चार कदम पीछे खिंच लेती है !
कभी सूखे पत्तों से महकती थी किताबें मेरी ,वक्त बीत जाने पर सोचती हूँ ,उस पतझड़ में ऐसा रखा कया था ?
खामोश तो उतना ही हूँ आज भी , जितना कल में मैं था ,
बस अब खुद से भी जरा नाराज रहता हूँ ...!!
तारीफ और तकलीफ का रिश्ता पुराना है,
अक्सर तारीफ वाले ही तकलीफ में साथ छोड जाते हैं !
जिस रोज था मुफलिसी का ,आना- जाना घर पर मेरे ,
जख्म को एक बिठाया भी नही दूसरा पाता रहा .... आता रहा ,
यकीं है मुझको ,उस रोज फरिश्तों ने भी पता मेरे घर का बहुत पूछा होगा !
पाने की हसरत से, तुम्हें खोने का डर जागा ,
ऑर खोकर ये जाना कि तुम्हें पाया ही कब था ?