स्पर्श हो मेरे ....
Friday, February 24, 2012
बेचैन महोब्बत
बूंद से भीग तुम ना सके , तो सूखे हम भी ना रहे ,
बेचैन महोब्बत का ये अजीब तमाशा है,
ना दिन ही ढले बगैर तेरे , ना रातें ही बगैर गुजरी !
-Anju
Friday, February 10, 2012
अपनी परछाई से....
ज़माने से नही ऐतराज़ , अपनी परछाई से है ,
क्यूँ वो साथ मेरा , अंधेरों में नही देती ?
-anju
Thursday, February 09, 2012
बस नाराज हूँ मैं
तुझसे गिला नही कोई मेरा , बस नाराज हूँ मैं ,
जुदा होकर भी तू , मुझमे मिला करता है !!
-Anju
Sunday, February 05, 2012
यूँ तो दुनिया कहती थी
यूँ तो दुनिया कहती थी कि - हारे थे.... तो तकदीर बदल लेते ,
मगर जिस नाकाम तकदीर को हम बदल लेते ,
उस तकदीर में दो धड़ी का साथ तेरा भी लिखा था !!!
मगर जिस नाकाम तकदीर को हम बदल लेते ,
उस तकदीर में दो धड़ी का साथ तेरा भी लिखा था !!!
- Anju
हर ज़िन्दगी
हर ज़िन्दगी मंजिल को पा लेगी ज़रूरी तो नहीं,
कुछ जिंदगियाँ अधूरी कहानियों की तरह बिखर भी जाती हैं !!
-Anju
Saturday, February 04, 2012
Friday, February 03, 2012
मेरा नाम पूछा !
बड़ी कैफियत रही हर मोड पर हमको ,जब कभी भी मोड आया , लोगों ने था मेरा नाम पूछा !!
- Anju
Thursday, February 02, 2012
Tuesday, January 31, 2012
टुकड़े -टुकड़े मैं
सालो तक टुकड़े -टुकड़े मैं टूटता रहा ....और अब पलों में मुझे मिट्टी में,,, मिलाने लगे हैं लोग !!!
- Anju
तेरी मेरी....
तेरी -मेरी तय राहें और मंजिल तो वहीँ हैं
आगे कभी सफर कि रफ़्तार में तुम , तो कभी हम हो जाते हैं !
- Anju
दिन रात अंधेरों में...
दिन रात अंधेरों में रहने वालों को
रौशनी के बुझ जाने का खोफ नही होता
बस , भरम रह जाता है कि -
रौशनी दिख गयी !
- Anju
हम उस पल के सहारे ..
हम उस पल के सहारे कटते रहे उम्र अपनी ,
जिसमे , जाते वक्त किसी ने , मेरा नाम लेकर हमसे कह दिया ,
"झूठा सही...मगर मेरा, इंतज़ार करना..... मेरे जाने के बाद !"
- Anju
Monday, January 30, 2012
है बेपनाह महोब्बत
करती है बेपनाह महोब्बत , इस कदर मुझसे बे-गैरत ,
जो जिंदगी है मेरी ,दो-चार कदम बढती हूँ जो आगे ,
दो चार कदम पीछे खिंच लेती है !
- Anju
महक
कभी सूखे पत्तों से महकती थी किताबें मेरी ,वक्त बीत जाने पर सोचती हूँ ,उस पतझड़ में ऐसा रखा कया था ?
- Anju
Saturday, January 28, 2012
खामोश
खामोश तो उतना ही हूँ आज भी , जितना कल में मैं था ,
बस अब खुद से भी जरा नाराज रहता हूँ ...!!
- Anju
तारीफ और तकलीफ
तारीफ और तकलीफ का रिश्ता पुराना है,
अक्सर तारीफ वाले ही तकलीफ में साथ छोड जाते हैं !
- Anju
रोज था मुफलिसी का
जिस रोज था मुफलिसी का ,आना- जाना घर पर मेरे ,
जख्म को एक बिठाया भी नही दूसरा पाता रहा .... आता रहा ,
यकीं है मुझको ,उस रोज फरिश्तों ने भी पता मेरे घर का बहुत पूछा होगा !
- Anju
Friday, January 27, 2012
पाने की हसरत से
पाने की हसरत से, तुम्हें खोने का डर जागा ,
ऑर खोकर ये जाना कि तुम्हें पाया ही कब था ?
- Anju
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